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| NSE का बड़ा बदलाव DK |
📅 8 दिसंबर 2025 से लागू होगा नया नियम
भारत के सबसे बड़े एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) मार्केट के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव करने की घोषणा की है। अब ठीक इक्विटी मार्केट की तरह, F&O सेगमेंट में भी प्री-ओपन सेशन की शुरुआत होने जा रही है।
🕘 क्या है Pre-Open Session?
प्री-ओपन सेशन मार्केट खुलने से पहले का वो समय होता है, जिसमें सभी खरीद और बिक्री के ऑर्डर इकट्ठे किए जाते हैं। इसके बाद एक “Call Auction System” के ज़रिए शुरुआती कीमतें तय की जाती हैं।
इससे मार्केट में अचानक उतार-चढ़ाव (Volatility) कम होता है और Opening Price पारदर्शी तरीके से सामने आता है।
⏰ नई टाइमिंग क्या होगी?
F&O प्री-ओपन सेशन टाइमिंग:
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सुबह 9:00 AM से 9:15 AM तक
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9:00 से 9:07 मिनट: ऑर्डर प्लेस किए जा सकते हैं
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9:07 से 9:08 मिनट: ऑर्डर को कैंसिल या मॉडिफाई करने का समय
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9:12 मिनट: प्राइस डिस्कवरी और ट्रेड मैचिंग
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9:15 बजे: रेगुलर मार्केट की शुरुआत
इस पूरे प्रोसेस में सिस्टम को स्मूथ ट्रांजिशन देने के लिए कुछ बफर टाइम भी रखा गया है।
💡 ट्रेडर्स को क्या फायदा होगा?
✅ कम वोलैटिलिटी: मार्केट खुलते समय अचानक गैप-अप या गैप-डाउन कम होंगे।
✅ बेहतर ट्रांसपेरेंसी: शुरुआती प्राइस पहले से तय होंगे।
✅ ट्रेंड की पहचान आसान: ट्रेडर्स को ओपनिंग से पहले ही मार्केट की दिशा का अंदाज़ा हो जाएगा।
✅ ऑप्शन ट्रेडर्स को फायदा: उन्हें पहले से पता चल जाएगा कि कौन-सा स्ट्राइक प्राइस किस प्रीमियम पर खुलेगा।
✅ तेज़ निर्णय: ग्लोबल मार्केट के असर को देखते हुए जल्दी पोज़िशन लेना संभव होगा।
🧩 कहां लागू होगा यह नियम?
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शुरुआत में यह नियम सिर्फ Current Month (M1) के Futures Contracts पर लागू होगा।
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बाद में इसे Next Month (M2) के Contracts पर भी बढ़ाया जा सकता है।
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स्प्रेड कॉन्ट्रैक्ट्स और ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स पर यह नियम लागू नहीं होगा।
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जिन स्टॉक्स में कॉर्पोरेट एक्शन (जैसे मर्जर या डिविडेंड) होगा, वहां प्री-ओपन सेशन नहीं चलेगा।
🏦 क्यों लिया गया यह फैसला?
NSE का यह कदम F&O मार्केट को अधिक स्थिर और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा सुधार है।
इक्विटी कैश सेगमेंट में पहले से ही 9:00 से 9:15 तक प्री-ओपन सेशन होता है।
अब F&O में भी यह सुविधा मिलने से मार्केट के ओपनिंग ट्रेंड्स को पहले से समझना आसान होगा।
📊 निष्कर्ष (Conclusion)
NSE का यह नया नियम F&O ट्रेडर्स के लिए एक सकारात्मक बदलाव है।
यह मार्केट को न सिर्फ स्थिर बनाएगा बल्कि ट्रेडिंग को अधिक डेटा-ड्रिवन और प्रेडिक्टेबल बनाएगा।
अब ट्रेडर्स को सुबह की अस्थिरता से राहत मिलेगी और वे स्मार्ट एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स चुन सकेंगे।
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